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Digital Arrest Scam: 83 लाख रुपये की ठगी का पर्दाफाश – एक बुजुर्ग कैसे फंसे 12 घंटे के साइबर जाल में - The SRP News
National / 2024-10-11 12:43:36 / Share this article:
ALEX
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Digital Arrest Scam: 83 लाख रुपये की ठगी का पर्दाफाश – एक बुजुर्ग कैसे फंसे 12 घंटे के साइबर जाल में - The SRP News

साइबर अपराध का एक नया तरीका, 'डिजिटल अरेस्ट' घोटाला, देशभर में तेजी से फैल रहा है। यह घोटाला इतना संगठित और चालाक है कि पढ़े-लिखे लोग भी इसके जाल में फंस रहे हैं। इस लेख में हम एक ऐसे ही मामले पर चर्चा करेंगे जिसमें 72 वर्षीय कृष्ण दास गुप्ता से 83 लाख रुपये ठगे गए।


कैसे शुरू हुआ ये स्कैम?

24 मई की सुबह, दिल्ली के सीआर पार्क इलाके में रहने वाली रिटायर्ड नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट, कृष्ण दास गुप्ता को एक संदेश प्राप्त हुआ। इस संदेश में दावा किया गया कि उनके मोबाइल नंबर को 2 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा। मैसेज महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) से आया हुआ लग रहा था। इसमें यह भी कहा गया कि उनके आधार नंबर का इस्तेमाल करके मुंबई में एक नया सिम कार्ड जारी किया गया है।


फर्जी गिरफ्तारी वारंट और पुलिस अधिकारी

कुछ ही मिनटों में, उन्हें एक वीडियो कॉल प्राप्त हुआ जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। अपराधियों ने कृष्णा दास को विश्वास दिला दिया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। वीडियो कॉल पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया गया, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि वह गिरफ़्तार होने वाली हैं।


डर और धोखे का जाल

अपराधियों ने उन्हें बताया कि जांच के नाम पर उन्हें अपनी सभी जमा पूंजी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खाते में ट्रांसफर करनी होगी। घबराहट और भ्रम की स्थिति में, कृष्णा दास गुप्ता ने 83 लाख रुपये का ट्रांसफर कर दिया। अपराधियों ने उन्हें 12 घंटे तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाए रखा और किसी से संपर्क करने से रोका। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार से कॉल भी नजरअंदाज कर दिए, क्योंकि उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि गिरफ्तारी टालने का यह एकमात्र तरीका है।


साइबर अपराध का बढ़ता खतरा

साइबर क्राइम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हर महीने लगभग 200 मामले इस तरह के 'डिजिटल अरेस्ट' घोटाले के सामने आते हैं। पवन दुग्गल जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि 'डिजिटल अरेस्ट' जैसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है और लोगों को ऐसी कॉल्स पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए।


कैसे बचें ऐसे घोटालों से?

  1. आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें: कभी भी ऐसे संदिग्ध कॉल या मैसेज का जवाब न दें। सीधे संबंधित विभाग से संपर्क करें।
  2. बैंक जानकारी साझा न करें: किसी भी स्थिति में अपनी बैंक डिटेल्स या आधार की जानकारी शेयर न करें।
  3. साइबर क्राइम को रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का संदेह हो, तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

कृष्ण दास गुप्ता की यह घटना एक कड़वी सच्चाई है कि कैसे साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर लोग अपनी जीवन भर की मेहनत की कमाई गंवा देते हैं। ऐसे मामलों में जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।


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