हरियाणा विधानसभा चुनाव: 0.85% वोटों के अंतर से तय हुई सत्ता की कुर्सी! बीजेपी ने कैसे दी कांग्रेस को पटखनी?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्ता की लड़ाई बेहद करीबी साबित हुई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर ही सीमित रह गई। हालांकि, चुनाव में वोटों का अंतर बेहद मामूली था—सिर्फ 0.85%। यह सूबे की सत्ता का फैसला करने में निर्णायक साबित हुआ।
शुरुआती रुझान: कांग्रेस की उम्मीदों में उछाल
चुनाव के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिलने की संभावना दिखी। पार्टी ने शुरुआती बढ़त बनाई और कुछ समय के लिए कांग्रेस कार्यालय में जश्न भी शुरू हो गया था। लेकिन जैसे-जैसे रुझान बदलते गए, बीजेपी ने तेजी से वापसी की और कांग्रेस की उम्मीदें धीरे-धीरे धुंधली होती गईं। अंततः, बीजेपी ने कांटे की टक्कर में कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए सत्ता की बाजी मार ली।
सीटों का मार्जिन गेम
हरियाणा विधानसभा चुनाव की लड़ाई इतनी तगड़ी थी कि 90 सीटों में से केवल 5 पर ही जीत का अंतर 50,000 से अधिक था। इनमें से सबसे बड़ी जीत फिरोजपुर झिरका सीट पर कांग्रेस के मामन खान ने हासिल की, जिन्होंने 98,441 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। वहीं, 19 सीटों पर जीत-हार का अंतर मात्र 5,000 वोट से कम रहा, जिनमें से 3 सीटों पर तो जीत का अंतर 1,000 वोट से भी कम था। इन क्लोज मुकाबलों में कांग्रेस ने 7 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 10 और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने 2 सीटों पर बाजी मारी।

कांग्रेस की कुछ महत्वपूर्ण जीतें
पंचकुला सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रमोहन बिश्नोई ने 1,997 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि फतेहाबाद में बलवान सिंह दौलतपुरिया ने 2,252 वोटों से जीत दर्ज की। आदमपुर और कलानौर सीटों पर भी कांग्रेस ने अंतिम पलों में बाजी पलटी और बीजेपी को मात दी।
मामूली अंतर से सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी
अगर वोट शेयर की बात करें, तो बीजेपी को 39.94% वोट मिले, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 39.09% रहा। कुल वोटों के हिसाब से बीजेपी को 55,48,800 वोट और कांग्रेस को 54,30,602 वोट मिले। दोनों पार्टियों के बीच केवल 1,18,198 वोटों का अंतर रहा, जो सत्ता की कुर्सी के लिए निर्णायक साबित हुआ। यह 0.85% का मामूली वोट अंतर ही था जिसने हरियाणा की सत्ता की तस्वीर बदल दी।
क्या AAP के साथ गठबंधन से बदल जाती तस्वीर?
आम आदमी पार्टी (AAP) हरियाणा चुनाव में कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन उन्होंने 2,48,455 वोट हासिल किए। अगर कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन होता और वोट ट्रांसफर होते, तो शायद चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे। कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोटों का जो अंतर रहा, AAP के कुल वोट उससे कहीं ज्यादा थे, जो कांग्रेस का गेम बदल सकता था।
निष्कर्ष
हरियाणा चुनाव 2019 एक क्लोज़ फाइट साबित हुआ, जहां बीजेपी ने कांग्रेस को मात्र 0.85% वोटों के मार्जिन से हराकर सत्ता में वापसी की। चुनाव का यह मार्जिन गेम दिखाता है कि कैसे मामूली अंतर बड़े परिणामों को तय करता है। कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत के बीच एक छोटा सा अंतर, हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आया।.
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