Hartalika Teej 2024: पहली बार व्रत करने जा रही हैं, तो इन बातों का रखें ध्यान
हरतालिका तीज का पावन त्योहार नजदीक आ रहा है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं और कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। अगर आप पहली बार यह व्रत रखने जा रही हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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Hartalika Teej 2024 तिथि:
हरतालिका तीज व्रत को हिंदू धर्म में सबसे कठिन और फलदायी व्रतों में से एक माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या और निर्जला व्रत किया था। इस व्रत में दिन भर बिना पानी के रहते हुए रातभर जागकर भगवान शिव की पूजा की जाती है।
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इस वर्ष हरतालिका तीज का त्योहार 5 सितंबर गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे से शुरू होकर 6 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 3:01 बजे समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार, व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। पूजा का शुभ समय सुबह 6:01 बजे से 8:32 बजे तक रहेगा। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं।
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Hartalika Teej क्या है?
हरतालिका तीज का महत्व माता पार्वती और भगवान शिव की कथा से जुड़ा है। मान्यता है कि जब माता पार्वती को पता चला कि उनके पिता ने उनका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया है, तो वह दुखी हो गईं। उनकी एक सखी ने उन्हें सांत्वना दी और उन्हें एक गुप्त स्थान पर ले गई, जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की। उनकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। इस दिन को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।
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व्रत के नियम और महत्वपूर्ण बातें:
- इस व्रत में 24 घंटे तक बिना पानी और भोजन के रहना होता है।
- व्रत से एक दिन पहले हाथों पर मेहंदी लगाएं।
- भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति बनाएं।
- केले के पत्ते का मंडप बनाएं।
- शाम के समय नए कपड़े पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
- मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- पूजा में फल, फूल, मिठाई, माला, दूर्वा, बेलपत्र और शमी पत्र अर्पित करें।
- देवी पार्वती को चूड़ियां, बिंदी, नेल पॉलिश, लिपस्टिक, और लाल पोशाक अर्पित करें।
- हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें और सुनाएं।
- पूजा के बाद भगवान गणेश, शिवजी और पार्वती जी की आरती करें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें।
हरतालिका तीज 2024
Disclaimer:
यह लेख विभिन्न स्रोतों जैसे धर्मग्रंथों, ज्योतिषियों और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। इसे केवल सूचना के रूप में ही ग्रहण करें, और इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी पाठक की स्वयं होगी।
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