महाकुंभ में नाँव चलाकर 30 करोड़ कमाने वाला माफिया हिस्ट्रीशीटर निकला CM योगी ने की थी तारीफ़
पिंटू महरा :
प्रयागराज में नाँव चला कर 30 करोड़ कमाने वाला पिंटू महरा जिनका बिना नाम लेते हुए CM योगी आदित्यनाथ ने बात कही थी उस पिंटू महरा पे बहुत संगीन आरोप लगे हुए है। नैनी में अरैल का रहने वाला पिंटू महरा कुख्यात अपराधी है। वह नैनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है और 2009 डबल मर्डर मामले में वर्तमान में सोनभद्र जेल में बंद है। 2009 में नैनी में अनिरुद्ध उर्फ बर्रू निषाद और उसके बेटे छगन निषाद को बम-गोलियों से भून दिया गया था।
बम गोलियों से कर दिया था छलनी :
2009 में अरैल में बर्रू व उसके बेटे छगन की बेहद सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई थी। अरैल से दारागंज जाते वक्त उनकी गाड़ी को दोनों ओर से घेरकर बम-गोलियां चलाई गईं थीं। इसमें दोनों की मौत हो गई थी जबकि कुछ लोग जख्मी भी हुए थे।
परिवार के धूल गए पाप जो लगे थे दामन में !
सीएम योगी ने विधानसभा के बजट सत्र में इसी पिंटू महरा के परिवार का जिक्र किया था. उन्होंने सदन में बताया था कि प्रयागराज महाकुंभ मेला के दौरान एक नाविक परिवार ने 30 करोड़ रुपये कमाए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस नाविक परिवार के पास 130 नौकाएं थीं. 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध 30 करोड़ रुपए की बचत की है,
पिंटू महरा प्रयागराज का हिस्ट्रीशीटर है :
इस कहानी के केंद्र में है अरैल घाट पर नाविकों का टेंडर लेने वाला वह महरा परिवार, जिसके मुखिया बच्चा महरा का इलाके में दबदबा होता था. स्थानीय दबंग पप्पू गंजिया के साथ उसकी अदावत जग जाहिर थी. जेल में बच्चा महरा की मौत के बाद उसके बेटे पिंटू महरा ने जिम्मेदारी संभाली. उसने अपराध की जगह नाव के धंधे पर फोकस किया. संयोग ऐसा कि महाकुंभ आ गया और फिर उसके परिवार की किस्मत बदल गई. हालांकि पिंटू भी हिस्ट्रीशीटर है.