रावण मरने से पहले लक्ष्मण जी से क्या कहा था :
जब धरती पर उसका पाप बढ़ गया तब भगवान विष्णु ने राम के रूप में धरती पर जन्म लेकर उसका नाश किया था। तब रावण ने मरने से पहले भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को कुछ उपदेश दिए थे, जो आज के समय में भी लोगों के लिए सफलता की कुंजी है।
रावण जिस समय मरणासन्न अवस्था में था, तब भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान पंडित विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। राम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े रावण के सिर के पास जाकर खड़े हो गए।

लक्ष्मण काफी देर तक रावण के सिर के पास खड़े रहे, लेकिन रावण ने उनसे कुछ नहीं कहा। इसके बाद लक्ष्मण वापस लौट आए और प्रभु श्रीराम से सारी बातें बताई।
तब भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि अगर किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए न कि सिर के पास। यह बात सुनकर लक्ष्मण वापस रावण के पास गए और उसके पैरों के पास खड़े हो गए।
उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण को 5 ऐसी बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी है।
रावण का पहला उपदेश :
रावण ने अपने पहले उपदेश में कहा कि इंसान को कभी भी अपने शत्रु को खुद से कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि कई बार जिसे हम कमजोर समझते हैं वहीं हमसे ज्यादा ताकतवर साबित हो जाता है।
रावण का दूसरा उपदेश :
रावण ने अपने दूसरा उपदेश में कहा कि 'खुद के बल का दुरुपयोग कभी भी नही करना चाहिए। घमंड इंसान को ऐसे तोड़ देता है, जैसे दांत किसी सुपारी को तोड़ता है'।

रावण का तीसरा उपदेश :
रावण ने अपने तीसरा उपदेश में कहा कि ' इंसान को हमेशा अपने हितैषियों की बातें माननी चाहिए, क्योंकि कोई भी हितैषी अपनों का बुरा नहीं चाहता'।
रावण का चौथा उपदेश :
रावण ने अपने चौथा उपदेश में कहा कि 'हमें शत्रु और मित्र की हमेशा पहचान करनी चाहिए। कई बार जिसे हम अपना मित्र समझते हैं वे ही हमारे शत्रु साबित हो जाते हैं और जिसे हम पराया समझते हैं असल मे वे ही हमारे अपने होते हैं।
रावण का पांचवां उपदेश :
रावण ने अपने पहले पांचवां उपदेश सबसे बेहतरीन उपदेश था, 'हमें कभी भी पराई स्त्री पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए, क्योंकि पराई स्त्री और बुरी नजर डालने वाला इंसान नष्ट हो जाता है'।
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