October, 2024
सामान्य
कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना कुछ सावधानी बरतने वाला रहेगा। सर्वप्रथम तो आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखनी होगी जो महीने की शुरुआत में ही कमज़ोर रहने वाला है। हालांकि, महीने के उत्तरार्ध में सेहत में सुधार के संकेत दिखाई देते हैं। वहीं, करियर के मामले में आपको अच्छे परिणाम तो मिलेंगे, लेकिन नौकरी में बदलाव आ सकता है। व्यापार करने वाले जातकों को महीने के पूर्वार्ध में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, परंतु इस दौरान आपको सफलता मिल सकती है। प्रेम संबंधों में तनाव की स्थिति बनी रह सकती है। वैवाहिक जीवन में कुछ मुश्किलें रहेंगी और ऐसे में, ससुराल के लोगों से कहासुनी करने से बचना ही बेहतर होगा। आर्थिक तौर पर चुनौतियां ज्यादा रहने वाली हैं इसलिए इस महीने आपको सावधानी बरतनी होगी। विद्यार्थी वर्ग को चुनौतियों के बाद सफलता मिल सकती है। साथ ही, विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं और आप कोई संपत्ति खरीदने में कामयाब हो सकते हैं।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहेगा। दशम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में ही आपके पंचम भाव में मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे तथा देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि दशम भाव पर रहेगी। साथ ही, 9 अक्टूबर से बृहस्पति वक्री दृष्टि से दशम भाव को देखेंगे तथा आपके राशि स्वामी शनि महाराज प्रथम भाव से वक्री दृष्टि से ही दशम भाव को देखेंगे। ऐसे में, इससे नौकरी में आपके ऊपर काम का दबाव भी रहेगा और हो सकता है कि एक ही काम को आपको बार-बार करना पड़ जाए। लेकिन, इससे हताश या निराश न हो बल्कि अपने जज्बे को बनाए रखें और लगातार मेहनत करते रहें क्योंकि उसी से आपको लाभ मिलेगा। यदि आपने नौकरी के लिए कहीं आवेदन किया था, तो वहां से आपको सूचना मिल सकती है और आपको नौकरी में बदलाव करने में सफलता मिल सकती है। हालांकि, 20 अक्टूबर से मंगल महाराज छठे भाव में आ जाएंगे तब आपकी नौकरी में बेहतर परिस्थितियों का निर्माण करेंगे। बुध 10 अक्टूबर से और सूर्य 17 अक्टूबर से तुला राशि में आपके नवम भाव में प्रवेश करेंगे और नवंबर के स्वामी शुक्र महाराज 13 अक्टूबर से आपके दशम भाव में आ जाएंगे। इस परिणामस्वरूप, आपके स्थानांतरण के योग भी बन सकते हैं लेकिन आपकी नौकरी में अच्छी स्थितियों का निर्माण होगा और करियर में आपकी स्थिति मजबूत होगी। इसके विपरीत, व्यापार करने वाले जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वक्री शनि महाराज की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर पूरे महीने रहने वाली है। सप्तम भाव के स्वामी सूर्य महाराज महीने की शुरुआत में अष्टम भाव में बुध और केतु के साथ विराजमान रहेंगे जिससे व्यापार में चुनौतियां बढ़ेंगी। साथ ही, आपको कुछ आसान कामों को करने में भी बार-बार रुकावट का सामना करना पड़ सकता है और बनते हुए काम कुछ समय के लिए अटक सकते हैं, लेकिन हिम्मत न हारें और अपने काम में लग रहें। महीने के उत्तरार्ध में आपको मनचाहे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और व्यापार के सिलसिले में यात्राओं के योग भी महीने के उत्तराखंड में बनेंगे यह यात्राएं आपके व्यापार में उन्नति दिला सकती हैं इसलिए आपको शुरुआत से ही निकले तैयार और तत्पर रहना होगा यदि आप अपने व्यापार को विस्तार देना चाहते हैं तो उसके लिए भी महीने का उत्तरार्ध अधिक अनुकूल रहने की संभावना है।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह इस महीने उतार-चढ़ाव से भरी रह सकती है क्योंकि दूसरे भाव में उपस्थित राहु महाराज आपको धन संचय करने में समस्या देंगे। अष्टम भाव में बैठे सूर्य, बुध और केतु महीने की शुरुआत में कुछ गुप्त धन दे सकते हैं लेकिन शुक्र महाराज नवम भाव में बैठकर आपको सुख-सुविधाओं पर धन खर्च करने में आनंद देंगे। ऐसे में, आप कोई वाहन खरीद सकते हैं जिस पर आपको अच्छा खासा खर्च करना पड़ेगा। हालांकि, इसमें आपको मजा आएगा और कोई बड़ी चिंता की बात नहीं होगी, लेकिन फिजूलखर्ची से बचना होगा। महीने के उत्तरार्ध में खर्चों में थोड़ी कमी आ सकती है फिर भी आपकी आमदनी उतनी ज्यादा नहीं होगी जितनी आप उम्मीद करते हैं इसलिए आपको अपने धन का सदुपयोग करने पर ध्यान देना होगा और अनावश्यक खर्चों से बचना होगा। ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा। महीने की शुरुआत में शेयर बाजार में निवेश करने का जोखिम बिल्कुल न उठाएं, अन्यथा आपको परेशानी हो सकती है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ कमज़ोर रहने की संभावना है क्योंकि आपके राशि स्वामी शनि महाराज वक्री अवस्था में आपके प्रथम भाव में पूरे महीने बने रहेंगे। लेकिन चौथे भाव में 9 अक्टूबर से बृहस्पति वक्री अवस्था में होंगे। वहीं, 20 अक्टूबर से मंगल आपके छठे भाव में अपनी नीच राशि कर्क में होंगे जबकि महीने की शुरुआत में सूर्य, बुध, केतु अष्टम भाव में होंगे तथा पूरे महीने केतु महाराज अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे। यह आपको स्वास्थ्य समस्याएं देकर परेशान कर सकते हैं। ऐसे में, अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। सुबह की सैर पर जाएं और सुपाच्य भोजन ग्रहण करें क्योंकि हल्का भोजन करना आपको पेट से जुड़ी समस्याओं से बचाकर रखेगा। साथ ही, शरीर में गैस न बनने दें, ऐसा करके आप बहुत सारी समस्याओं से बच सकते हैं। रक्त से जुड़ी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं इसलिए रक्त की अशुद्धि को दूर करने का प्रयास करें। महीने के अंतिम सप्ताह में स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत कमज़ोर रहने की संभावना है। पंचम भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में ही आपके अष्टम भाव में अपनी अस्त अवस्था में सूर्य और केतु के साथ विराजमान रहेंगे जबकि मंगल महाराज पंचम भाव में बैठे होंगे। ऐसे में, आपके रिश्ते से प्रेम कम होने लगेगा और आप एक-दूसरे की कमियों को निकालने की कोशिश में रहेंगे जो किसी भी रिश्ते के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है। हालांकि, नवम भाव में शुक्र महाराज अपनी ही राशि में बैठकर दिल में प्रेम का भाव बढ़ाते रहेंगे। वहीं, 10 अक्टूबर से बुध अष्टम भाव से निकलकर नवम भाव में प्रवेश करेंगे तब इन समस्याओं में कमी आएगी और आपके बीच प्रेम बढ़ने लगेगा। लेकिन, 20 अक्टूबर से मंगल भी पंचम भाव को छोड़ देंगे और छठे भाव में आ जाएंगे जिससे आपके प्रेम की नैया स्थिर हो जाएगी और बहुत आराम से चलने लगेगी। इसके परिणामस्वरूप, आपके प्रियतम से आपकी नजदीकियां बढ़ेंगी और आपके बीच प्रेम व रूमानियत भी बढ़ेगी। आप एक-दूसरे के साथ भरपूर समय बिताएंगे और एक-दूसरे को अच्छे से समझेंगे। साथ ही, अपने रिश्ते में परिपक्वता महसूस करेंगे। इस प्रकार महीने का उत्तरार्ध आपके रिश्ते को और बेहतर बना देगा। वैवाहिक जीवन में जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वक्री शनि महाराज पूरे महीने आपके सप्तम भाव पर दृष्टि बनाए रखेंगे। इसके साथ ही सप्तम भाव के स्वामी सूर्य महाराज महीने की शुरुआत में अष्टम भाव में रहेंगे जिससे ससुराल पक्ष में कोई समस्या पैदा हो सकती है। आपको अपने जीवनसाथी से भी अपनी बात कहने में समस्या होगी क्योंकि आपको लगेगा कि वह आपकी बात नहीं मान रहे हैं और आपकी बातों को ठीक से सुनना नहीं चाहते हैं। यह गलतफहमियां आपके रिश्ते को परेशानी में डाल सकती हैं इसलिए आपको सावधानी रखनी होगी। इस महीने उत्तरार्ध में जब सूर्य और बुध भी अष्टम भाव से निकल जाएंगे तब इन चुनौतियों में कुछ हद तक कमी आ सकती है फिर भी आपको थोड़ा सा ध्यान रखना होगा। इस महीने आपके जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्या भी परेशान कर सकती है इसलिए उनका ध्यान रखें और आवश्यक होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। एक-दूसरे को प्रेम दें और एक-दूसरे को महत्व दें इससे आपका रिश्ता अच्छे से व्यतीत होगा।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक जीवन के लिए औसत रहने की संभावना है क्योंकि दूसरे भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहेंगे। वहीं, दूसरे भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने चतुर्थ भाव में रहेंगे तथा सूर्य, बुध और केतु महीने की शुरुआत से ही आपके दूसरे भाव को देखेंगे जिससे पारिवारिक जीवन में कुछ असंतुष्टि रह सकती है। आपस में लोगों के विचार न मिलने के कारण पारिवारिक तनाव बढ़ सकता है और कुछ जमीन-जायदाद से जुड़े मुद्दे भी पैदा हो सकते हैं जो परिवार के माहौल को बिगाड़ सकते हैं। आपको परिवार में शांति बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे। हालांकि, आपकी खासियत भी यही रहेगी कि आप अपनी बातों से सबको प्रभावित कर सकते हैं और अपनी बात मनवा सकते हैं जिससे परिवार में शांति आएगी। हालांकि, चौथे भाव में पूरे महीने बृहस्पति महाराज विराजमान रहेंगे और 9 अक्टूबर से वक्री भी हो जाएंगे। जबकि चतुर्थ भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में आपके नवम भाव में और उसके बाद 13 अक्टूबर से आपके दशम भाव में रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन सभी ग्रहों की स्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी जिसके चलते आपको सुख की प्राप्ति होगी और जमीन-जायदाद में बढ़ोतरी हो सकती है। इस महीने आप कोई चल अथवा अचल संपत्ति खरीद सकते हैं विशेष रूप से कोई वाहन खरीदने में सफल हो सकते हैं। वक्री शनि महाराज की दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पूरे महीने रहेगी तथा सूर्य व बुध महीने के उत्तरार्ध में तीसरे भाव पर दृष्टि डालेंगे। तीसरे भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में पंचम भाव में और 20 अक्टूबर से छठे भाव में रहेंगे और ऐसे में, आपके भाई-बहनों को कुछ न कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको उनकी मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए क्योंकि यही आपका वास्तविक रिश्ता है और वे सदैव आपके साथ खड़े रहेंगे तो उनकी चुनौतियों में भी आपको उनका साथ देना चाहिए। इससे एक अच्छे परिवार का निर्माण होगा।
उपाय
आपको श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
राधा-कृष्ण जी के दर्शन करें और उनका भजन करें।
समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए श्रीकृष्ण जी को माखन और मिश्री का भोग लगाकर स्वयं भी ग्रहण करें।
स्फटिक की माला से शुक्रवार के दिन श्री महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना आर्थिक चुनौतियों को कम करेगा।