16-04-2025 Wednesday 03:14 PM
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तुला

तुला का मासिक राशिफल / Tula Masik Rashifal in Hindi

October, 2024
सामान्य
तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना सावधानी से भरा महीना है। न केवल स्वास्थ्य बल्कि आपको आर्थिक तौर पर भी इस महीने बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि महीने की शुरुआत से ही खर्च का बोझ अचानक से आपके ऊपर आ जाएगा। जिसे संभालना आपके लिए चुनौतीपूर्ण होगा। करियर की बात करें तो नौकरी में काफी व्यस्तता रहेगी और आपकी भाग दौड़ बढ़ेगी और एक जगह डटकर काम करना थोड़ा सा मुश्किल लगेगा, लेकिन आप अपनी मेहनत जारी रखेंगे। व्यापार करने वाले जातकों को यात्राओं पर जाने का मौका मिलेगा और आनंद यात्राओं से उन्हें व्यापार में अच्छे परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार के उद्देश्य से यह महीना ठीक-ठाक रहने वाला है।
विवाहित जातकों के लिए महीने की शुरुआत अच्छी रहेगी और रिश्ते में प्रेम की अभिवृद्धि होगी। हालांकि महीने का उत्तरार्ध कुछ कमजोर रहने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में समरसता रहने की संभावनाएं हैं। भाइयों को आपकी मदद की आवश्यकता पड़ सकती है। विद्यार्थी वर्ग को भरपूर मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से इस दौरान आपको शारीरिक समस्याओं के प्रति सचेत रहना आवश्यक होगा क्योंकि आप किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से इस महीना काफी ज्यादा व्यस्तता दिख रही है। छठे भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे और 9 अक्टूबर से वह वक्री अवस्था में आ जाएंगे। राहु महाराज छठे भाव में विराजमान रहेंगे तो महीने की शुरुआत में सूर्य बुध और केतु भी द्वादश भाव में रहेंगे। इससे नौकरी में आपकी व्यस्तता बढ़ेगी आपके ऊपर काम का दबाव भी रहेगा और आपकी भाग दौड़ अधिक रहेगी। आप चुनौतियों से घबराने वाले नहीं है आप जीवन में संतुलन को महत्व देते हैं इसलिए आप अपने काम को और ज्यादा मेहनत करके सही समय पर सही तरीके से अंजाम तक पहुंचाएंदे। जिस नौकरी में आपकी स्थिति अच्छी ही रहेगी और लोग आपके कार्य कुशलता की प्रशंसा करते नहीं थकेंगे व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है।
व्यापार के सिलसिले में महीने की शुरुआत में आपको यात्राएं करनी पड़ सकती है। व्यापार में नए व्यावसायिक संबंध स्थापित होंगे जिससे आपके व्यापार में चल रही समस्याएं दूर होंगी और आपके व्यापार को गति प्राप्त होगी। 20 अक्टूबर से मंगल अपनी नीच राशि कर्क में आपके दशम भाव में प्रवेश कर जाएंगे। जिससे कुछ लोगों का विरोध का सामना आपको करना पड़ सकता है। यदि आप चतुराई से चलेंगे तो आपको विदेशी माध्यमों से भी अपने व्यापार में कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। महीने की शुरुआत में व्यावसायिक साझेदारी से आपके संबंध अच्छे रहेंगे लेकिन महीने के उत्तरार्ध में उनमें कुछ समस्या आ सकती है इसलिए सावधान रहे।
महीने की शुरुआत में शुक्र महाराज प्रथम भाव में बैठकर आपके सप्तम भाव को देखकर व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे और आपको हर सुख साधन प्राप्त होगा जो आपके व्यापार के लिए आवश्यक होगा। उसके बाद 10 अक्टूबर से बुध तुला राशि में यानी कि आपकी ही राशि में प्रवेश करेंगे और वहां से आपके सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे। जिससे व्यापार के सिलसिले से आपको सरकारी क्षेत्र से भी मदद मिलेगी और आप अपनी बुद्धिमानी से अपने व्यापार को सफल बनाने में कामयाब हो सकते हैं। पूरे महीने वक्री शनिदेव पंचम भाव से आपके सप्तम भाव को देखेंगे जिससे बीच-बीच में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन आपको इन चुनौतियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आर्थिक तौर पर चुनौतियां प्रस्तुत करने वाला है। वैसे तो पूरे महीने वक्री शनि महाराज पंचम भाव में बैठकर आपका एकादश भाव को देखेंगे और उनकी दृष्टि आपके द्वितीय भाव पर भी होगी। जिससे आप धन प्राप्ति करने धन को बढ़ाने और धन को संचित करने के लिए पूर्ण रूप से प्रयास करते नजर आएंगे। इसमें बहुत हद तक कामयाब भी रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगेगी, लेकिन दूसरी तरफ राहु महाराज के छठे भाव में बृहस्पति महाराज के अष्टम भाव में पूरे महीने बने रहने के कारण और सूर्य केतु तथा बुध के महीने की शुरुआत में द्वादश भाव में होने के कारण खर्चों की अधिकता महीने की शुरुआत से ही रहेगी। आपके ऊपर खर्च का बोझ बना रहेगा जो आपको परेशान कर सकता है और इससे आप कई मामलों में खुद को असहाय सा महसूस करेंगे क्योंकि घर से आपके नियंत्रण के बाहर हो सकते हैं। हालांकि 20 अक्टूबर से मंगल के दशम भाव में आने 10 अक्टूबर से बुध के तुला में और सूर्य के भी 17 अक्टूबर को तुला में चले जाने से आपकी खर्चों की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाएगी। पूरी तरह समाप्त तो नहीं होगी पर उसमें कमी अवश्य आएगी। इसके अतिरिक्त शुक्र 13 अक्टूबर से आपके दूसरे भाव में चले जाएंगे। जिससे आर्थिक स्थिति बेहतर होगी आपका बैंक बैलेंस पड़ेगा और आर्थिक मोर्चे पर आपका कामयाब रहेंगे। व्यवसाय की यात्राओं के माध्यम से व्यापार में भी उन्नति के योग बनेंगे जिससे आपको धन लाभ होगा।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ कमजोर रहने की संभावना है। शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में अनुकूल स्थिति में अपनी ही राशि में यानी कि आपके प्रथम भाव में विराजमान रहे का आपको एक अच्छा व्यक्तित्व, चुंबकीय आकर्षण और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करेंगे लेकिन इसी समय अगर आप देखे तो पंचम भाव में वक्री शनि महाराज छठे भाव में राहु, अष्टम भाव में बृहस्पति और द्वादश भाव में सूर्य और केतु विराजमान रहेंगे जो आपको स्वास्थ्य समस्याएं दे सकते हैं। बृहस्पति की दृष्टि और नवम भाव में बैठे मंगल की दृष्टि भी द्वादश भाव पर होगी। जिससे आपको नेत्र रोग, आंखों से जुड़ी समस्याएं, पैरों में दर्द तथा पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसके बाद बुध 10 अक्टूबर से और 16, 17 अक्टूबर से आपके प्रथम भाव में आ जाएंगे और मंगल आपके दशम भाव में चले जाएंगे तब कुछ हद तक इन समस्याओं में कमी आ सकती है लेकिन फिर भी आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा और बारीक से बारीक समस्या पर भी ध्यान देना होगा। तभी आप तंदुरुस्त रहेंगे। अगर आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो उस पर ध्यान दें और आवश्यक होने पर किसी अन्य चिकित्सक से भी सलाह अवश्य लें, इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह वक्त आपकी पूरी परीक्षा इस महीने लेने वाला है। पंचम भाव के स्वामी वक्री शनि पंचम भाव में पूरे महीने विराजमान रहेंगे। जिससे आप अपने रिश्ते के प्रति वफादार रहेंगे। आप अपने प्रियतम की खुशी के लिए बहुत कुछ करेंगे और कई मामलों में कुछ कुर्बानियां भी देंगे। आप चाहेंगे कि आप अपने प्रियतम को हर वह खुशी दें जो उनको प्राप्त होनी चाहिए, इससे आपके बीच का प्रेम बढ़ेगा लेकिन 20 अक्टूबर से मंगल अपनी नीच राशि कर्क में दशम भाव में जाकर वहां से अपनी अष्टम दृष्टि से आपके पंचम भाव में विराजमान वक्री शनि महाराज को पूर्ण रूप से देखेंगे जिससे आपके रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है आपस में खींचातानी और लड़ाई झगड़े के संभावना भी बढ़ सकती है और आपको तथा आपकी प्रियतम को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। वह बीमार पड़ सकते हैं। इस दौरान मानसिक तनाव भी बढ़ाने की संभावना है। इस स्थिति में आप दोनों को एक दूसरे का साथ देना चाहिए। यदि आप अपने प्रेम संबंध में लंबे समय से हैं तो पंचम भाव के स्वामी शनि महाराज के पूर्ण रूप से सप्तम भाव को देखने के कारण आप प्रेम विवाह के लिए लगातार प्रयासरत भी रह सकते हैं।
सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में नवम भाव में विराजमान रहेंगे। तो शुक्र अपनी ही राशि के होकर प्रथम भाव से सप्तम भाव को देखेंगे। जिस वैवाहिक जीवन में समरसता प्रेम और रूमानियत बनी रहेगी। आप और आपके जीवनसाथी के मध्य तनाव में कमी रहेगी और एक दूसरे के प्रति प्रेम की अभिवृद्धि होगी। आप अपने जीवनसाथी के साथ लंबी यात्राओं पर जा सकते हैं और कुछ दर्शनीय स्थलों की सैर भी कर सकते हैं, लेकिन आपके द्वादश भाव में महीने की शुरुआत में सूर्य बुध और केतु की उपस्थिति आपकी अंतरंग संबंधों में कुछ परेशानियां खड़ी कर सकती है और इसकी वजह आपका स्वास्थ्य भी हो सकता है। महीने के उत्तरार्ध में 10 अक्टूबर से बुध और 17 अक्टूबर से सूर्य तुला राशि यानी कि आपकी ही राशि में प्रवेश करने और वहां से आपके सप्तम भाव पर दृष्टि डालने तथा वक्री शनि की दृष्टि भी सप्तम भाव पर होने से वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव बढ़ सकता है आपको किसी भी तरह के टकराव से बचना चाहिए और अपने जीवनसाथी को पर्याप्त समय और सम्मान देना चाहिए। इससे आपका रिश्ता संभल जाएगा और आप चुनौती पूर्ण समय को भी आसानी से व्यतीत कर लेंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। शुक्र महाराज अपनी ही राशि के होकर विराजमान रहेंगे जिससे आपके मन में सभी के लिए प्रेम की भावना रहेगी और सभी से अच्छा व्यवहार करेंगे। दूसरे भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में नवम भाव में रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप आपको अपने परिवार का साथ मिलेगी। हालांकि 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में आपके दशम भाव में जाकर वहां से आपके प्रथम भाव पंचम भाव और चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जो कुछ समय के लिए पारिवारिक जीवन में तनाव को बढ़ा सकता है। इस दौरान आपके पिताजी को स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। चौथे भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने आपके पंचम भाव में विराजमान रहेंगे। जिससे आपके घर के मामलों में सुख सुविधाओं की प्राप्ति होगी। परिवार की उन्नति होगी। घर के लोगों में आपस में एकता बनी रहेगी, लेकिन मंगल के कर्क राशि में आकर आपके चतुर्थ भाव और चतुर्थ भाव के स्वामी शनि महाराज को देखने के कारण आपके माता और पिता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। और घर में कुछ अशांति हो सकती है। इसलिए इस समय को शांति से व्यतीत कर लेने में ही भलाई होगी। आपके भाई बहनों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जिससे उन्हें आपकी मदद की दरकार होगी। ऐसी स्थिति में उनके साथ दे क्योंकि यह आपका नैतिक कर्तव्य भी है और इससे आपके बीच संबंधों में मधुरता भी बढ़ेगी।
उपाय
आपको शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त आप चमेली के तेल का दीपक श्री हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष प्रज्वलित करके सात बार श्री बजरंग बाण का पाठ भी कर सकते हैं।
कठिन समस्याओं से मुक्ति के लिए छाया दान करना बेहतर रहेगा।
आपको एक अच्छी गुणवत्ता वाला ओपल रत्न अपनी अनामिका अंगुली में शुक्रवार के दिन धारण करना सभी प्रकार के सुख प्रदान करने में मददगार बनेगा।

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