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Rotomac पेन 2005 तक जलवा फिर कंपनी पर कैसे लटका ताला, 3700Cr का स्‍कैम, नाम भी बिका-The SRP News
Business & Finance / 2024-09-07 10:33:42 / Share this article:
ALEX
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Rotomac पेन 2005 तक जलवा फिर कंपनी पर कैसे लटका ताला, 3700Cr का स्‍कैम, नाम भी बिका-The SRP News

क्या आपको 90 के दशक का मशहूर रोटोमैक पेन याद है? जिस पेन से 'लिखते-लिखते लव हो जाए' वाली टैगलाइन पूरे देश में गूंज उठी थी। कभी यह पेन हर छात्र, हर ऑफिस वर्कर की पहली पसंद हुआ करता था। सलमान खान और रवीना टंडन जैसे बड़े सितारे इसके विज्ञापन में दिखाई देते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चमकदार ब्रांड के पीछे एक काला अध्याय छिपा है? जिसने इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।


पान पराग से रोटोमैक तक का सफर

पान पराग के मशहूर विज्ञापन को भला कौन भूल सकता है - "बरातियों का स्वागत पान पराग से करें"। इसी पान मसाला साम्राज्य के संस्थापक मनसुखभाई कोठारी ने अपने बेटे विक्रम कोठारी के हाथों में रोटोमैक कंपनी की बागडोर सौंपी थी। रोटोमैक पेन की शुरुआत 1992 में हुई और जल्द ही ये पेन हर जेब का हिस्सा बन गया। विक्रम कोठारी ने 90 के दशक में इस कंपनी को शिखर पर पहुंचा दिया, लेकिन 2000 के दशक के मध्य में यह सफलता कर्ज के जाल में उलझकर डूबने लगी।


कैसे आई रोटोमैक की बर्बादी?

रोटोमैक कंपनी की बर्बादी की कहानी शुरू होती है विक्रम कोठारी के महत्वाकांक्षी लेकिन असफल व्यापारिक योजनाओं से। कर्ज पर कर्ज लेते हुए, उन्होंने कई अन्य क्षेत्रों में निवेश किया, लेकिन कोई भी कारोबार सफल नहीं हुआ। धीरे-धीरे, बैंकों से लिए गए कर्ज की रकम 2,919 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। जब बैंकों का ब्याज भी मिलाकर कुल 3,995 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया, तब कंपनी के लिए इसे चुकाना असंभव हो गया। 


सात बैंकों का कर्ज और CBI का खुलासा

रोटोमैक ने Indian Ovearseas Bank (771cr.), Bank Of India (754cr.), Union Bank Of India (459cr.), Bank Of Baroda (457cr.), Allahabad Bank (330cr.), Oriental Bank Of Commerce(97cr.) और Bank Of Maharashtra (50cr.) का लोन लिया, लेकिन भुगतान करने में असमर्थ रहा। आखिरकार, सीबीआई ने इस 3,700 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया और विक्रम कोठारी को गिरफ्तार कर लिया। 


2022 में कंपनी का अंत

विक्रम कोठारी की गिरफ्तारी के बाद, उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और उन्हें जमानत मिल गई। लेकिन साल 2022 में उनका निधन हो गया। रोटोमैक कंपनी का अस्तित्व साल 2020 में खत्म हो गया, जब इसे सिर्फ 3.5 करोड़ रुपये में बेच दिया गया।


एक सफल ब्रांड की दुखद कहानी

रोटोमैक की कहानी एक सफल ब्रांड के पतन की कहानी है। यह एक उदाहरण है कि कैसे कर्ज के गलत प्रबंधन ने एक प्रतिष्ठित ब्रांड को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।


10 बातें जो हर बिज़नेस मैन को रोटोमैक की बर्बादी से सीखनी चाहिए ताकि ऐसी गलतियाँ न हों:

1. वित्तीय अनुशासन का पालन करें:

कभी भी कर्ज को बेतहाशा न लें, खासकर तब जब आपके मौजूदा संसाधनों से इसे चुकाना मुश्किल हो जाए। सही वित्तीय योजना और अनुशासन आपके बिज़नेस को स्थिर बनाए रखेगी।

2. समझदारी से निवेश करें:

रोटोमैक ने अलग-अलग क्षेत्रों में बिना सही शोध और रणनीति के भारी निवेश किया, जिससे कंपनी को घाटा हुआ। हर निवेश से पहले उसके जोखिम और लाभ को ध्यान से समझें।

3. फोकस्ड बिज़नेस मॉडल रखें:

एक ही बिज़नेस मॉडल पर ध्यान दें और उसमें विशेषज्ञता प्राप्त करें। विक्रम कोठारी की तरह विविध क्षेत्रों में हाथ डालने से ध्यान भटक सकता है और आपकी कोर बिज़नेस प्रभावित हो सकती है।

4. कर्ज लेने में सावधानी बरतें:

बड़े कर्ज केवल तब लें जब आपके पास उसे चुकाने की ठोस योजना हो। बेवजह का कर्ज कंपनी के लिए फांसी का फंदा साबित हो सकता है, जैसा कि रोटोमैक के मामले में हुआ।

5. अच्छी मैनेजमेंट टीम बनाएं:

कोई भी बिज़नेस अकेले नहीं चलाया जा सकता। एक कुशल और समझदार मैनेजमेंट टीम बनाएं जो कंपनी को सही दिशा में लेकर जाए।

6. बाजार का सही आकलन करें:

बिज़नेस का विस्तार करते समय बाजार का सटीक आकलन करना बहुत जरूरी है। कंपनी को नया बिज़नेस शुरू करने से पहले उसकी मांग, प्रतियोगिता और रिस्क का पूरी तरह से विश्लेषण करना चाहिए।

7. लीगल और एथिकल प्रक्रियाओं का पालन करें:

किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़ा या गैरकानूनी गतिविधियों से दूर रहें। रोटोमैक के केस में फर्जी तरीके से लोन लेने और उसे सही ढंग से नहीं चुकाने के कारण ही कंपनी का पतन हुआ।

8. ग्राहक और ब्रांड वफादारी बनाए रखें:

रोटोमैक का ब्रांड कभी लोकप्रिय था, लेकिन गलत निर्णयों ने इस वफादारी को कमजोर कर दिया। अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखें और उनका भरोसा बनाए रखें।

9. संकट प्रबंधन योजना तैयार रखें:

बिज़नेस में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हमेशा एक बैकअप और संकट प्रबंधन योजना तैयार रखें ताकि जब विपरीत परिस्थितियां आएं, तो आप सही फैसले ले सकें।

10. नियमित रूप से अपने बिज़नेस का ऑडिट करें:

बिज़नेस के हर पहलू पर नियमित निगरानी रखें। वित्तीय ऑडिट और प्रदर्शन का विश्लेषण करें ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का पता समय पर लगाया जा सके और उसे ठीक किया जा सके।


रोटोमैक की कहानी हर बिज़नेस मैन के लिए एक चेतावनी है कि सही फैसले, ईमानदारी, और रणनीतिक सोच ही किसी भी बिज़नेस को दीर्घकालिक सफलता दिला सकती है।


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3 Comments

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pankaj 2024-09-08 03:43:18

admin aur acche se aap investigation karao, ye sirf on paper record hai sayad off paper me karib 1000crore ka fraud kiya tha in log ne. total 4700crore ka tha.

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Vijay Kumar 2024-09-08 03:47:43

ish article se ek baat to confirm ho gaya ki business chalane ke liye sirf paise ka nhi balki samajhdari aur sahi strategy ki jarurat hoti hai.

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Ananya Sharma 2024-09-08 03:50:05

mai 10th aur 12th ishi pen se pass ki thi.

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